पीएचडी करने वालों को प्रतिमाह 10000 फेलोशिप 2022

पीएचडी करने वालों को प्रतिमाह 10000 फेलोशिप 2022 , कैसे पाएं यहां से करें चेक

पीएचडी करने वालों को प्रतिमाह 10000 फेलोशिप 2022 , कैसे पाएं यहां से करें चेक

राज्य ब्यूरो, पटना : बिहार के विश्वविद्यालयों में शोध कार्य को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार अब पीएचडी करने वाले शोधार्थियों को हर माह ₹10000 का फेलोशिप देगी

पीएचडी करने वालों को प्रतिमाह 10000 फेलोशिप 2022

यह फेलोशिप नेट पास करने वाले उन विद्यार्थियों को मिलेगी जिन्हें यूजीसी (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग)
से फैलोशिप नहीं मिली है। फेलोशिप का लाभ लेने के लिए एचडी में पंजीयन कराने वाले विद्यार्थियों को शिक्षा विभाग में ऑनलाइन आवेदन करना होगा।

उच्च शिक्षा निदेशालय की टीम प्राप्त आवेदनों की जांच और फिर सत्यापन कराने के बाद फेलोशिप देने की अनुशंसा करेगी।
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक डाक्टरलफेलोशिप का नाम से एक प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
•शिक्षा विभाग की ओर से तैयार हो रहा पर प्रस्ताव

इसमें फेलोशिप देने के लिए मानदंड भी निर्धारित किया जा रहा है फैलोशिप नेट परीक्षा पास करने वाले बिहार के उन विद्यार्थियों को दी जाएगी जिन्हें यूजीसी से फेलोशिप नहीं मिलती है

पीएचडी करने हेतु पंजीयन कराने वाले शोधार्थियों के सामने शर्त यह होगी कि उनकी पीएचडी का शोध प्रस्ताव बिहार के विश्वविद्यालयों में नामांकित होना चाहिए 3 साल तक चयनित शोधार्थियों को प्रतिमा फेलोशिप की राशि मिलेगी पीएचडी करने वालों को प्रतिमाह 10000 फेलोशिप 2022

•फेलोशिप का लाभ लेने के लिए करना होगा ऑनलाइन आवेदन
प्रति वर्ष 2000 सुधार थी कराते हैं पीएचडी में पंजीयन मिली जानकारी के मुताबिक राज्य के विश्वविद्यालयों में प्रत्येक वर्ष करीब 2000 सुधार थी पीएचडी के लिए पंजीयन कर आते हैं दिन में औसतन 658 महिला शोधार्थी होती है।

इनमें से अधिक संख्या साथियों को यूजीसी की फेलोशिप नहीं मिलती है प्रारंभिक शिक्षा विभाग फेलोशिप का दायरा सीमित रखने पर विचार कर रहा है

इसके तहत शोध का विषय और महत्ता भी निर्धारित की जाएगी हाल में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में फेलोशिप देने से संबंधित निर्देश दिया गया था।  पीएचडी करने वालों को प्रतिमाह 10000 फेलोशिप 2022

20-25% शोधार्थियों को फेलोशिप दी जा सकती है

जानकारी के मुताबिक पिछले पांच साल में प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में हर साल औसतन 2200 शोधार्थी पीएचडी में नामांकित होते हैं. इनमें औसतन 750 महिला शोधार्थी होती हैं.

जानकार बताते हैं कि इनमें से अधिकतर को यूजीसी की फेलोशिप नहीं मिली पाती है. चूंकि शुरू में राज्य सरकार फेलोशिप का दायरा सीमित संख्या में रखना चाहती है इसलिए औसतन 20-25% शोधार्थियों को फेलोशिप दी जा सकती है.

दरअसल शोध का विषय और महत्ता भी फेलोशिप का क्राइटेरिया तय करेगी  पीएचडी करने वालों को प्रतिमाह 10000 फेलोशिप 2022. 

तैयार हो रहा मापदंड

जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई हाल की बैठक में निर्देशित किया गया है कि सीमित संख्या में राज्य शोध फेलोशिप शुरू करें. फिलहाल फेलोशिप देने के लिए क्राइटेरिया तैयार हो रही है.

दरअसल, शोध राशि किसको दी जाये इसके लिए निर्धारित मापदंड तैयार किये जा रहे हैं, ताकि पारदर्शिता पूर्ण तरीके से फेलोशिप दी जा सके.  पीएचडी करने वालों को प्रतिमाह 10000 फेलोशिप 2022

ऑनलाइन आवेदन करना होगा

फेलोशिप के लिए बिहार के पीएचडी के लिए नामांकन कराने वाले शोधार्थियों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा. इसकी समूची प्रक्रिया तैयार की जा रही है.

यह फेलोशिप बिहार सरकार के सभी पारंपरिक विश्वविद्यालयों, बिहार एग्रीकल्चर और एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी में के शोधार्थियों को दी जायेगी. इस संदर्भ में बिहार उच्चतर शिक्षा परिषद के एकेडमिक अफसर डॉ गौरव सिक्का ने बताया कि राज्य सरकार की फेलोशिप योजना शानदार है.पीएचडी करने वालों को प्रतिमाह 10000 फेलोशिप 2022  

इससे शोध की गुणवत्ता में सुधार होगा. राज्य में शोध का माहौल बनेगा.

पीएचडी में कोर्सवर्क और दो शोधपत्र प्रकाशित करना अनिवार्य

सीएसजेएमयू से पीएचडी करने वाले सभी अभ्यर्थियों के लिए कोर्सवर्क अनिवार्य कर दिया गया है। वहीं, सभी शोधार्थियों को कम से कम दो शोध पत्र प्रकाशित कराना भी अनिवार्य कर दिया गया है।
ये शोध पत्र यूजीसी केय
सीएसजेएमयू से पीएचडी करने वाले सभी अभ्यर्थियों के लिए कोर्सवर्क अनिवार्य कर दिया गया है। वहीं, सभी शोधार्थियों को कम से कम दो शोध पत्र प्रकाशित कराना भी अनिवार्य कर दिया गया है।  पीएचडी करने वालों को प्रतिमाह 10000 फेलोशिप 2022
ये शोध पत्र यूजीसी केयर, स्कोपस या एससीआई जर्नल्स में प्रकाशित होना चाहिए।  प्रकाशित शोध पत्र शोधार्थी की ओर से किए जा रहे अनुसंधान कार्य से संबंधित एवं मौलिक होने चाहिए।
हाइब्रिड माध्यम से बैठक में प्रति कुलपति प्रो. सुधीर कुमार अवस्थी, डीन प्रशासन प्रो. सुधांशु पाण्डिया, रजिस्ट्रार डॉ. अनिल कुमार यादव, परीक्षा नियंत्रक डॉ. अंजनी कुमार मिश्र, सीडीसी निदेशक डॉ. आरके द्विवेदी, डॉ. विशाल शर्मा रहे।  पीएचडी करने वालों को प्रतिमाह 10000 फेलोशिप 2022
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